
भारत में व्रत का पालन धर्म और आस्था से जुड़ा होता है। अलग-अलग प्रकार के उपवासों में भोजन की सीमाएं और नियम होते हैं। ऐसे में अक्सर सवाल उठता है कि “व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?” यह प्रश्न न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि स्वास्थ्य के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। आइए इस विषय को गहराई से समझें।
व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं? यह सवाल क्यों जरूरी है?
जब बात व्रत की आती है, हर कोई विचार करता है कि व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं चाहिए। विशेष रूप से सावन या नवरात्रि जैसे पवित्र दिनों में या लंबे उपवासों में। यही कारण है कि “व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?” यह प्रश्न आम हो गया है। यद्यपि मूंगफली बहुत पोषक तत्वों से भरपूर है, तो क्या यह व्रत के नियमों के अनुरूप है?
जबकि अधिकांश उपवासों में अनाज, दालें, मसाले और तेल नहीं होते, मूंगफली का स्थान थोड़ा अलग है। जबकि कुछ लोग इसे नहीं मानते, बहुत से लोग इसे “फलाहारी” मानते हैं। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि व्रत में मूंगफली का धार्मिक और स्वास्थ्य लाभ क्या है।

धार्मिक दृष्टिकोण से: व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?
भारत में उपवास धार्मिक अनुशासन से जुड़ा होता है। हिन्दू धर्म में व्रत के दौरान फलाहार ही सेवन किया जाता है। अब सवाल आता है, “व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?” धार्मिक दृष्टि से उत्तर व्रत की प्रकृति पर निर्भर करता है।
यदि यह एक “निर्जल व्रत” है, तो कुछ भी खाना मना है। लेकिन अगर यह एक “फलाहारी व्रत” है, तो मूंगफली अक्सर भोजन में होती है।
क्योंकि मूंगफली अनाज या दाल नहीं होती, इसलिए इसे “फल” नहीं माना जाता, लेकिन कुछ व्रतों में इसे खाना मंजूर है।

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से: व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की दृष्टि से देखें तो “व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?” का उत्तर काफी हद तक “हाँ” है। मूंगफली में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फाइबर, हेल्दी फैट और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को लंबे उपवास पर संतुलन और ऊर्जा देते हैं।
मूंगफली जैसे उच्च कैलोरी और न्यूट्रिशन वाले भोजन बहुत फायदेमंद हैं, विशेष रूप से जब आप दिन भर कुछ भी ठोस नहीं खाते हैं।
लेकिन मूंगफली की भारी मात्रा आपको अपच या गैस बना सकती है, इसलिए इसे बहुत कम मात्रा में खाएं।
कौन-कौन से व्रतों में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं? नियम जानिए
- हर व्रत के अपने नियम होते हैं। उदाहरण के लिए:
- पवित्र सोमवार: मूंगफली फलाहार में सुरक्षित है
- नवरात्रि के नियम: कुछ लोग भोजन करते हैं, जबकि कुछ नहीं ( परंपरागत)
- एक दिवसीय व्रत: वर्जित मानते हैं
- महाशिवरात्रि की पूजा: सीमित मात्रा में अनुमति दी गई
इसलिए यदि आप सोच रहे हैं कि “व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?”, तो उत्तर है—विभिन्न व्रतों और उनकी परंपराओं को समझें। घर के बुजुर्गों या पंडितजी से सलाह लेना भी अक्सर फायदेमंद होता है।
व्रत में मूंगफली से बनने वाली स्वादिष्ट रेसिपी
अगर आपके व्रत में मूंगफली अनुमत है, तो इसे आप कई स्वादिष्ट तरीकों से खा सकते हैं:
1. मूंगफली आलू टिक्की
2. मूंगफली चटनी
3. साबूदाना मूंगफली खिचड़ी
4. मूंगफली लड्डू
5. भुनी मूंगफली और सेंधा नमक के साथ स्नैक्स
इन सभी रेसिपीज़ में “व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?” को लेकर कोई शक नहीं रहता क्योंकि ये फलाहारी तरीके से बनी होती हैं।

किन लोगों को व्रत में मूंगफली नहीं खानी चाहिए?
हालाँकि कुछ लोगों को व्रत में मूंगफली नहीं खानी चाहिए, इस प्रश्न का उत्तर “हाँ” हो सकता है:
- मूंगफली से एलर्जी
- जो डाइजेशन वीक पर हैं
- डायबिटीज के मरीजों को सावधान रहना चाहिए
- अधिक गर्मी से उल्टी या एसिडिटी हो सकती है
इसलिए यदि आप सोच रहे हैं कि “**व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?””, तो पहले अपने स्वास्थ्य की स्थिति पर जरूर ध्यान दें।
आयुर्वेद का मत: व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?
आयुर्वेद में कहा जाता है कि मूंगफली वात और पित्त को थोड़ा असंतुलित कर सकती है। माना जाता है कि व्रत के समय शरीर पहले से ही कमजोर होता है, इसलिए मूंगफली को भूनकर थोड़े घी के साथ लेना चाहिए। यदि आप “**व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?”” सोच रहे हैं, तो आयुर्वेद आपको सीमित और संतुलित मात्रा में इसे खाने की सलाह देता है।

निष्कर्ष: व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं? अंतिम निर्णय क्या हो?
अंत में, “** व्रत में मूंगफली खाया जा सकता है या नहीं?” किसी एक पंक्ति में इस सवाल का उत्तर देना मुश्किल है। यह आपके व्रत की विशेषता, शरीर की स्थिति और पारिवारिक परंपरा पर निर्भर करता है। मूंगफली एक शक्तिशाली विकल्प हो सकती है अगर आप फलाहारी नहीं हैं और मूंगफली से एलर्जी नहीं हैं।
Quick Recap – व्रत में मूंगफली खा सकते हैं या नहीं?
- व्रत का प्रकार मूंगफली की स्थिति
- फलाहारी व्रत ✅ अनुमत (सीमित मात्रा में)
- निर्जल व्रत ❌ नहीं खा सकते
- नवरात्रि (कठोर) ⚠️ परंपरा पर निर्भर
- स्वास्थ्य समस्याएं ⚠️ डॉक्टर से पूछें